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राष्ट्रीय बहु-विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण संस्थान (दिव्यांगजन) की स्थापना वर्ष 2005 में पूर्वी तट पर, रोड, मुत्तुकाडु, चेन्नई, तमिलनाडु में की गई। यह संस्थान, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित है और चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, मोफुसिल बस टर्मिनस, तथा हवाई अड्डे से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित है। इस संस्थान का उद्देश्य उन व्यक्तियों का सशक्तिकरण करना है, जिनमें एक से अधिक प्रकार की विकलांगताएं पाई जाती हैं।
आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम (2016) के अनुसार, जिन विकलांगताओं के तहत यह संस्थान कार्य करता है, उनमें अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति, श्रवण हानि (बहरापन और सुनने में कठिनाई), लोकोमोटर विकलांगता, बौनापन, बौद्धिक विकलांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मांसपेशीय डिस्ट्रोफी, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियाँ, विशेष सीखने की अक्षमताएँ, मल्टीपल स्केलेरोसिस, भाषण और भाषा विकलांगता, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग, बहरापन, एसिड अटैक पीड़ित और पार्किंसंस रोग शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, नेशनल ट्रस्ट अधिनियम (1999) के अंतर्गत ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु-विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के सशक्तिकरण में भी यह संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।